राह दिखाओ
गीतिका —
आधार छंद- बिहारी
मापनी- गागाल लगागाल लगागाल लगागा
221 1221 1221 122
या,
2211 2211 2211 22
समान्त- आओ, अपदांत
शुभ प्रात नमन ईश करो ध्यान लगाओ ।
खिल गात उठे योग सधे स्वस्थ बनाओ ।
संधान करो नित्य पहुँच ज्ञान शिखर तक
आवाज युवा क्रान्ति बनों देश जगाओ ।
अभियान नवल वेग भरो दर्प मिटा कर,
बन सूर्य किरण संग चलो राह दिखाओ ।
संदेश सदा सत्य अटल मार्ग चुनो तुम,
हो व्योम सदृश उच्च सपन नैन सजाओ ।
क्यों दोष सदा भाग्य कहें कर्म जगत में,
मत व्यर्थ करो प्राण यतन मीत लजाओ ।
हठ द्वंद सदा दूर करो मर्म समझ कर,
विश्वास सरस प्रेम भरा हाथ बढ़ाओ ।
डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी