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धर्म-ध्वजा
जय हिन्द जय भारत ———————– देश हमारा धरती अपनी, नवल प्रभात सुहाए । राम अवध से अवध राममय,धर्म-ध्वजा फहराए। सूर्य पताका सरगम साधे, केसरिया का वंदन । कल-कल बहती गंगा-यमुना, करती है अभिनन्दन । सोन-चिरैया जग में मंडित, आभा नित फैलाए । राम अवध से अवध राममय,धर्म-ध्वजा फहराए। अंतस जोड़े हिन्दी भाषा, धर्म-भूमि ये अवनी । विजय पताका लेकर गाती, वीरों की ये जननी । रहे सुशासन सत्य सनातन,संस्कृति साथ निभाए। राम अवध से अवध राममय, धर्म – ध्वजा फहराए। मीठी-कड़वी सच्चाई को, मिलकर हम अपनाते । जाति-पांँत के झूठे बंधन, अलग नहीं कर पाते । राजनीति में उलझे जन को, सच्ची राह दिखाए। राम अवध से अवध राममय, धर्म-ध्वजा…


