धर्म-ध्वजा
जय हिन्द जय भारत
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देश हमारा धरती अपनी, नवल प्रभात सुहाए ।
राम अवध से अवध राममय,धर्म-ध्वजा फहराए।
सूर्य पताका सरगम साधे,
केसरिया का वंदन ।
कल-कल बहती गंगा-यमुना,
करती है अभिनन्दन ।
सोन-चिरैया जग में मंडित, आभा नित फैलाए ।
राम अवध से अवध राममय,धर्म-ध्वजा फहराए।
अंतस जोड़े हिन्दी भाषा,
धर्म-भूमि ये अवनी ।
विजय पताका लेकर गाती,
वीरों की ये जननी ।
रहे सुशासन सत्य सनातन,संस्कृति साथ निभाए।
राम अवध से अवध राममय, धर्म – ध्वजा फहराए।
मीठी-कड़वी सच्चाई को,
मिलकर हम अपनाते ।
जाति-पांँत के झूठे बंधन,
अलग नहीं कर पाते ।
राजनीति में उलझे जन को, सच्ची राह दिखाए।
राम अवध से अवध राममय, धर्म-ध्वजा फहराए।
———————डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी


