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“धीर धरो कहता संयम”
बसंत पंचमी पर्व 2025 एवं मांँ शारदा को समर्पित #गीत मातु शारदा आओ रुनझुन गीत बसंत रचे सरगम। सरस बजाओ वीणा आकर,फाग उड़े फहरे परचम । अलिकुल वश में मदन बाण के, मधुरस कलश भरें कलियाँ । पीत वसन फहराती सरसों, वन कुंजन महके गलियांँ । शर-संधान लिए सनई के, आए हैं देखो प्रीतम । सरस बजाओ वीणा आकर,फाग उड़े फहरे परचम । नाद-ताल लय साज सधेंगे, वंदन के स्वर मधुमासी । अधर-अधर नव किसलय उमगे, अंखियांँ कातर हैं प्यासी । दीन करें मन आर्त्तनाद से,धीर धरो कहता संयम । सरस बजाओ वीणा आकर,फाग उड़े फहरे परचम । #लता पहन वासंती चूनर, अंग-अंग थिरके नच के । गीत लावणी सहज…