“बेल पत्र के त्रिगुण भाव से “
#गीत
शिवत्व महिमा लेकर आया, सावन पहने चोला ।
संतों की आहुति से दिशि-दिशि,पूज्य हुए शिवभोला ।
महकी समिधा भीनी-भीनी,
मंत्रों से मनभावन ।
आक पुष्प से शंभु सुहाए,
गौरी के प्रिय पावन ।
दूध-पूत से धरा नहाई, खुशियों से मन डोला ।
शिवत्व महिमा लेकर आया,सावन पहने चोला ।
पंचगव्य से आँगन-आँगन,
गमक उठे तन चंदन ।
कुमकुम बेंदी माथ सुहाए,
सजनी करती वंदन ।
अनहद गूँजे गीत सावनी, झाँझर बाजे टोला ।
शिवत्व महिमा लेकर आया,सावन पहने चोला ।
लता-प्रेम की ढुरि-ढुरि गाए,
मृदु जीवन संसारी ।
“बेल पत्र के त्रिगुण भाव से,
प्रिय! भोले भंडारी।
कजली,तीजा पर्व सावनी, साजे लगन तमोला ।
शिवत्व महिमा लेकर आया,सावन पहने चोला ।
डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी