!! मिलन का पर्व होली है!!
#होली
मिलन का पर्व होली है,न भूलो प्यार करने दो ।
जियेंगें हर खुशी के पल तनिक अभिसार करने दो।
मिली जो राह जीने की बढाकर हम कदम जीना,
छिपा जो दर्द अपनों में मुझे उपचार करने दो ।
मिटे पीडा़ जमाने की वफा के नाम पर धोखा ,
हृदय संवेदना के पल न छल व्यापार करने दो ।
चुनिंदा जो उसे पाना न राहें हों गलत अपनी,
न छोडे़ फैसला मन पर नहीं लाचार करने दो ।
सही वे दर्द के रिश्ते जिसे मन मीत माने हम,
बिवाई पाँव की सहकर उन्हें मनुहार करने दो ।
चली नौका लहरती ज्यों थपेडो़ं को सहा करती,
विकल मन को मिले साहिल उसे पतवार करने दो ।
पराई पीर भी अपनी रहेगा प्रेम यदि जिंदा,
मिलन हर मोड़़ पर होगा,सरस शृंगार करने दो ।
——————डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी