भारत वंदेमातरम्
“पंजाब केसरी का वंदन”
#गीत
(मनके मन के)
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गूंज उठी जब वादियां,भोर सुहानी लाल ।
भारत वंदे मातरम्,’लाल’ ‘बाल’ औ ‘पाल’ ।।
राष्ट्रधर्म हर श्वांस में, है अपनी पहचान ।
सुन ऐ वीरों की धरा,तू मेरा अभिमान ।।
भरे खेत खलिहान से,उन्नत कृषि से गाँव ।
कहो गर्व से नाज से, लिए तिरंगा छांव ।।
अडिग तेज विश्वास जो,बना हुआ था ढाल ।
भारत वंदे मातरम्,’लाल’ ‘बाल’ औ ‘पाल’ ।।
उठी नजर प्रतिघात की,अपना हो संधान ।
बढ़े कदम जो शत्रु के, टूट गिरे नादान ।।
बूँद ऋणी हर रक्त की,तुझ पर हो निष्काम ।
लहर तिरंगा मान तू, देश-राज्य प्रति ग्राम।।
बुनते माया तंत्र जो, कटे विरोधी जाल ।।
भारत वंदे मातरम्,’लाल’ ‘बाल’ औ ‘पाल’ ।।
शीश सदा ऊँचा रहे, #प्रेम स्रोत हो मूल ।
ढाल कवच अपना सधा, मर्यादा अनुकूल ।
कदम-कदम पर गूंज से,जागा सकल समाज।
जन्म सिद्ध अधिकार है,नारा दिया स्वराज ।।
बढ़ते लाला लाजपत, पगड़ी बांँधे भाल ।
भारत वंदे मातरम्,’लाल’ ‘बाल’ औ ‘पाल’ ।।
******डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी