वन्देमातरम्
!!!वंदेमातरम् वंदेमातरम् वंदेमातरम् !!!
सत्य सनातन अपनत्व भरा, प्यारा वंदे मातरम् ।
भूलें मत सदियों से अपना, नारा वंदे मातरम् ।।
किरणों के रथ बैठ दिवाकर, प्राची से संदेश दे।
लिए सबेरा कर्मठ बढ़ता, पारा वंदेमातरम् ।।
सजी धरा जगमग जैसे, मुखर रागिनी गा रही ।
खोल पलक को सरस निहारे, तारा वंदे मातरम् ।।
जय जवान से जय किसान तक, भाव-भरे अनुगूँज से।
कदम-कदम पर ओज-बढ़ाए, न्यारा वंदे मातरम् ।।
बिगुलबजा जो गलियारों में, राष्ट्रगीत हो पूर्ण अब,
नहींं सियासी दाँवों से जो, हारा वंदे मातरम् ।।
पहने वासंती चोला ज्यों, अखंड भूमि भारत ये।
एक राष्ट्र हो तोड़े बंधन, कारा वंदे मातरम् ।।
प्रेम-मंत्र विश्वास-अडिग यह, सत्साहस अधिकार का ।
अ़द्भुत अनंत अभिन्न अलग सहारा वंदे मातरम् ।।
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आधार छंद – मरहट्ठा माधवी (मापनी मुक्त मात्रिक)
विधान – 29 मात्रा (चौपाई 16 मात्रा +दोहा विषम चरण 13 मात्रा)
समान्त – आरा, पदांत – वंदेमातरम्
—————————————- डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी


