!!अमर शहीदों को नमन !!
आधार छंद- वाचिक भुजंगप्रयात
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मापनी- लगागा लगागा लगागा लगागा
शहीदों नमन हिंद अपना सुहाना ।
शहादत तुम्हारी नहीं है भुलाना ।
कभी शीश अपना झुका जो नहीं है,
नजर से नजर तुम उठा कर मिलाना ।
मिले मान जीवन मिटाकर कुटिलता,
हमें नेक नीयत सदा है बनाना ।
लगे जो हया की कभी बोलियाँ तुम,
हृदय ज्वाल फूटे नहीं चुप लगाना ।
घुटन भर रहीं राजनीतिक मिसालें,
सिसक तंत्र की है हमीं को मिटाना ।
सजी पालकी हो धरा ओढ़ चूनर,
हरित मातृ अंचल सदा तुम सजाना ।
शिखर भानु शुभ दिन सजाता रहेगा,
नवल क्रांति लेकर हमें पग बढ़ाना ।
डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी